ठगी का नया तरीका – UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट: हर जगह मोबाइल नंबर रजिस्टर न करें, बचने के लिए 5 बातों का ध्यान रखें
UPI (Unified Payments Interface) के बढ़ते उपयोग के साथ ही, ठग भी नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। हाल ही में, UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट के माध्यम से ठगी के मामले सामने आए हैं। इसमें आपके मोबाइल नंबर पर एक ऑटो-पे रिक्वेस्ट भेजी जाती है, जिसे अगर आप अनजाने में स्वीकार कर लेते हैं, तो आपका पैसा ठगों के खाते में चला जाता है। इससे बचने के लिए निम्नलिखित 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- मोबाइल नंबर का सुरक्षित उपयोग: हर जगह अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर न करें। केवल विश्वसनीय और आवश्यक जगहों पर ही अपना नंबर दें।
- अनजान UPI रिक्वेस्ट को अनदेखा करें: अगर आपको किसी अनजान स्रोत से UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट मिलती है, तो उसे तुरंत अस्वीकार करें। किसी भी तरह की ऑटो-पे रिक्वेस्ट को सावधानीपूर्वक जांचे बिना स्वीकार न करें।
- UPI ऐप्स को सुरक्षित रखें: UPI ऐप्स को एक मजबूत पासवर्ड या बायोमेट्रिक सुरक्षा से सुरक्षित रखें। किसी को भी अपना UPI पिन या पासवर्ड न बताएं।
- नियमित बैंक स्टेटमेंट चेक करें: अपने बैंक खाते का स्टेटमेंट नियमित रूप से चेक करें ताकि किसी भी अनधिकृत लेन-देन का पता समय पर लग सके।
- सतर्कता से UPI रिक्वेस्ट की जाँच करें: किसी भी UPI रिक्वेस्ट को ध्यान से देखें और समझें कि कौन सी रिक्वेस्ट किस काम के लिए है। ठग अक्सर आपको भ्रमित करने के लिए नकली रिक्वेस्ट भेज सकते हैं।
UPI के माध्यम से लेन-देन करना सुविधाजनक है, लेकिन इसका सुरक्षित उपयोग करना बेहद जरूरी है। इन पांच बातों का ध्यान रखकर आप ठगी से बच सकते हैं और अपनी धनराशि सुरक्षित रख सकते हैं।
ठगी का नया तरीका – UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट: हर जगह मोबाइल नंबर रजिस्टर न करें, बचने के लिए 5 बातों का ध्यान रखें
UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट क्या है?
UPI (Unified Payments Interface) एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो भारत में डिजिटल पेमेंट्स को आसान और तेज़ बनाता है। इसके माध्यम से आप पैसे भेज सकते हैं, प्राप्त कर सकते हैं, और ऑटो-पे जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। UPI ऑटो-पे एक ऐसी सुविधा है, जहां आप किसी विशेष सेवा या सब्सक्रिप्शन के लिए स्वचालित रूप से भुगतान कर सकते हैं। इसका मतलब है कि जब भी आपकी सेवा या सब्सक्रिप्शन की अवधि समाप्त होती है, तो आपके खाते से स्वचालित रूप से पैसा कट जाता है।
ठगी कैसे होती है?
ठगों ने UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट का गलत इस्तेमाल करके लोगों से ठगी के नए तरीके इजाद कर लिए हैं। इसमें ये लोग आपको एक फर्जी UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट भेजते हैं। अगर आप बिना ध्यान दिए इस रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेते हैं, तो आपके खाते से नियमित रूप से पैसे कट सकते हैं। यह ठगी का एक बेहद चालाक तरीका है, क्योंकि इसमें ठग बिना आपके पिन के सीधे आपके खाते से पैसे निकाल सकते हैं।
बचाव के लिए 5 महत्वपूर्ण बातें:
- मोबाइल नंबर का सुरक्षित उपयोग:
हर जगह अपना मोबाइल नंबर देने से बचें। केवल उन सेवाओं और साइटों पर ही अपना नंबर रजिस्टर करें, जिन पर आप पूरी तरह भरोसा करते हैं। ऐसा करने से ठगों के पास आपका मोबाइल नंबर पहुंचने की संभावना कम हो जाती है, जिससे वे आपको ठगी की रिक्वेस्ट नहीं भेज पाएंगे। - अनजान UPI रिक्वेस्ट को अनदेखा करें:
अगर आपको किसी अनजान व्यक्ति या सेवा से UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट मिलती है, तो उसे तुरंत अस्वीकार कर दें। इस तरह की रिक्वेस्ट को बिना जांचे-परखे स्वीकार करने से आपके पैसे सीधे ठगों के खाते में जा सकते हैं। इसीलिए, हमेशा सावधान रहें और केवल उन रिक्वेस्ट को स्वीकार करें जिन्हें आप पूरी तरह जानते और समझते हैं। - UPI ऐप्स को सुरक्षित रखें:
अपने UPI ऐप्स को हमेशा सुरक्षित रखें। इसके लिए एक मजबूत पासवर्ड या बायोमेट्रिक (जैसे फिंगरप्रिंट या फेस ID) सुरक्षा का उपयोग करें। कभी भी अपना UPI पिन या पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें, चाहे वह कितना भी भरोसेमंद क्यों न हो। ऐसा करने से आपका खाता सुरक्षित रहेगा और ठग आपकी जानकारी का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। - नियमित बैंक स्टेटमेंट चेक करें:
अपने बैंक खाते का स्टेटमेंट नियमित रूप से चेक करें। इससे आप किसी भी अनधिकृत लेन-देन का पता समय पर लगा सकते हैं। अगर आपको किसी संदिग्ध लेन-देन का पता चलता है, तो तुरंत अपनी बैंक या UPI सेवा प्रदाता से संपर्क करें और उसे रिपोर्ट करें। - सतर्कता से UPI रिक्वेस्ट की जाँच करें:
किसी भी UPI रिक्वेस्ट को स्वीकार करने से पहले ध्यान से देखें कि यह किसके द्वारा भेजी गई है और किस उद्देश्य से है। ठग अक्सर आपको भ्रमित करने के लिए ऐसी रिक्वेस्ट भेज सकते हैं, जो देखने में असली लगती हैं। इसलिए सतर्क रहें और केवल उन्हीं रिक्वेस्ट को स्वीकार करें, जिन्हें आप पूरी तरह जानते हैं।
निष्कर्ष:
UPI की सुविधाओं का लाभ उठाना अच्छा है, लेकिन इसके साथ-साथ सतर्क रहना भी जरूरी है। ठग नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं, लेकिन अगर आप ऊपर दिए गए उपायों का पालन करते हैं, तो आप सुरक्षित रह सकते हैं और ठगी से बच सकते हैं। हमेशा सतर्क रहें, किसी भी संदिग्ध रिक्वेस्ट को अनदेखा करें, और अपने पैसे को सुरक्षित रखें।
डिजिटलाइजेशन के दौर में UPI और बढ़ते फ्रॉड का खतरा: UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट स्कैम से बचने के लिए जानें जरूरी बातें
डिजिटलाइजेशन के इस युग में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करना पहले से अधिक सुविधाजनक हो गया है, और इसमें UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जुलाई 2024 में भारत में UPI के माध्यम से 1,443 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जिनमें 20.64 लाख करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई। इस बड़े पैमाने पर उपयोग के कारण, UPI से जुड़े फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
UPI का नया स्कैम “UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट स्कैम” के रूप में सामने आया है, जिसमें स्कैमर्स आपके खाते से पैसे चुराने के लिए फर्जी UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट भेजते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यह स्कैम कैसे काम करता है, इससे बचने के उपाय, और UPI के जरिए होने वाले अन्य फ्रॉड्स के सामान्य तरीकों के बारे में भी चर्चा करेंगे।
साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा के अनुसार, UPI ऑटो-पे स्कैम से बचने के लिए सतर्कता और सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। आपको हमेशा किसी भी UPI रिक्वेस्ट को स्वीकार करने से पहले उसकी जांच करनी चाहिए और अनजान कॉल्स या मैसेजेस से सावधान रहना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, अगर आपको कभी संदेह हो कि आप किसी स्कैम का शिकार हुए हैं, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।
UPI के माध्यम से लेन-देन करते समय इन सावधानियों का पालन करके आप अपनी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।